दिल्ली छोड़ रही प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ खिलाडी महिला पहलवान।

दिल्ली स्टेट में दिव्या सैन के लगातार 17 गोल्ड मैडल ये बताने के लिए काफी हैं की दिव्या सैन प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ खिलाडी और महिला पहलवानो में से एक हैं। दिव्या सैन ने प्रदेश ही नहीं राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल मिलाकर 55 मैडल लिए और प्रदेश का नाम ऊँचा किया। इसे प्रदेश का ही दुर्भाग्य माना जाएगा की इस बेहतरीन खिलाडी को दिल्ली की तरफ से कभी कोई प्रोत्साहन नहीं मिल पाया। एक तरफ हरयाणा जैसे प्रदेश हैं जिन्होंने अपने खिलाडियों के लिए "मैडल लाओ नौकरी पाओ" की नीति अपना रखी है , वहीँ दिल्ली की इस महिला खिलाडी के खाते में न तो कोई नौकरी ही हैं न कोई स्पॉन्सरशिप या वजीफा । क्या इस खिलाडी का एकमात्र दोष दिल्ली की तरफ से खेलना ही हैं ? भारत के लिए ओलिंपिक पदक लाने का सपना देख रही ये महिला पहलवान सपोर्ट के लिए अपने परिवार की माली हालत पर ही निर्भर हैं। दिव्या को भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष व् दिल्ली से सांसद श्री मनोज तिवारी ने तो एक बार दो लाख रूपये की एक मुश्त मदद जरूर की लेकिन क्या केवल ये ही इस खिलाडी के लिए काफी हैं ? हर नयी आने वाली बॉलीवुड मूवी का ट्विटर पर समीक्षा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल तो प्रशंशा के दो शब्द भी कभी ट्विटर पर तक न लिख पाए। क्या दिव्या सैन का हक नहीं बनता की उन्हें एक सम्मानजनक नौकरी देकर , देश के लिए सम्मान बटोरने दिया जाय ?
दिव्या सैन की इस हालात से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व् सांसद माननीय ब्रजभूषण जी भी अनजान नहीं हैं। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी ने प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं , इसी के मद्दे नजर कुश्ती संघ के अध्यक्ष व् सांसद माननीय ब्रजभूषण जी ने दिव्या सैन को उत्तर प्रदेश से खेलने के लिए सुझाव दिए हैं। जिस पर दिव्या सैन ने विचार किया और ये तय किया की वह अब उत्तरप्रदेश से ही खेलेंगी ।





